शॉ को यहां से सिद्धेष लाड (86) के रूप में अच्छा सहयोगी मिला. इन दोनों ने चौथे विकेट के लिये 125 रन जोड़े. शॉ के आउट होने से यह साझेदारी टूटी. उन्होंने अपनी पारी में 173 गेंदें खेली तथा 14 चौके और एक छक्का लगाया.
पृथ्वी शॉ की इस बेहतरीन पारी के बाद उनकी तुलना सचिन तेंदलुकर के साथ की जारी रही है. पृथ्वी ने महज़ 18 साल की उम्र में 5 फर्स्ट-क्लास शतक लगाकर लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि भारतीय टीम को एक नया सितार मिल सकता है.
एक आंकड़े के मुताबिक 18 साल 8 दिन की उम्र में जहां सचिन ने 36 मैचों की 57 पारियों में 2911 रन बनाए थे. वहीं पृथ्वी शॉ ने अब तक कुल 7 मुकाबले खेले हैं. जिनकी 13 पारियों में उन्होंने 873 रन बनाए हैं.
सचिन ने 18 साल 8 दिन की उम्र तक 59.40 के औसत से खेलते हुए 7 शतक और 19 अर्धशतक लगाए थे. वहीं पृथ्वी शॉ ने अब तक 67.15 के औसत से 5 शतक और 2 अर्धशतक लगाए हैं.
18 साल 8 दिन की उम्र तक सचिन का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 159 का था, वहीं पृथ्वी शॉ का अब तक सर्वश्रेष्ठ स्कोर 154 रन है.
शॉ के विकेट के बाद श्रेयस अय्यर और कप्तान आदित्य तारे खाता भी नहीं खोल पाये. स्टंप उखड़ने के समय अभिषेक नायर 21 रन पर खेल रहे थे जबकि धवल कुलकर्णी को अभी खाता खोलना है.
आंध्र की तरफ से बी अयप्पा ने तीन और डीपी विजयकुमार ने दो विकेट लिये.
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Web Title: Prithvi Shaw continues to sparkle, slams 5th first-class hundred in 7th match
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